गुरुवार, 3 मई 2007

खुशी


full of life....!, originally uploaded by sonal chitnis.

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खुशी जब दिल में
भर आती है
मुस्कुराहट में
छलक जाती है

मुस्कुराहट बनती है
अनोखा गहना
चेहरे की सुंदरता का
फिर क्या कहना

खुशी जो चेहरे से
यूँ छलकती है
महफिल में खुशी की
लहर महकती है

एक दिये से मिलकर
जलते है सौ दिये
आप यूँ ही मुस्कराएँ
सौ सौ साल जिये

तुषार जोशी, नागपुर

3 टिप्‍पणियां:

  1. namaskaar tushar ji
    aapka kaavya vaastav mein shabd-chitra sa jaan padta hai

    "SAMPARK KI NIRANTARTA SAMBANDH KI PARGAADHTA MEIn SAHAAYAK HOTI HAI"

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  2. कही एक गज़ल पढी थी:

    "सादगी श्रंगार हो गयी
    आईने की हार हो गयी"

    आपकी कविताओं में कुछ एसी ही बात है।

    *** राजीव रंजन प्रसाद

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  3. आपकि कविता पड्कर सहि मे दिल खुशि को
    तलाशना शुरु कर देता है........
    और फोटॊ its really very nice............

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