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है अकेलापन बिमारी
दोसती इसकी दवा है
पी गया जो भी इसे वो
ठीक पल भर में हुआ है
इस दवा में खासियत है
आप भी जी भर के पिलो
दोस्त बन जाओ हमारे
जिन्दगी जी भर के जी लो
मुफ्त में मिलती है बाबू
बाँटते ना हिचकिचाना
जो मिले बीमार तुमको
खुब जी भर के पिलाना
है अकेलापन बिमारी
दोसती इसकी दवा है
पी गया जो भी इसे वो
ठीक पल भर में हुआ है
तुषार जोशी, नागपुर
ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
सोमवार, 14 मई 2007
दोसती दवा है
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बहुत सुन्दर रचना है-
जवाब देंहटाएंहै अकेलापन बिमारी
दोसती इसकी दवा है
पी गया जो भी इसे वो
ठीक पल भर में हुआ है
बहुत ठीक कह रहे हैं आप !
जवाब देंहटाएंदोस्ती दोस्तों से आप कर रहे हैं
फिर दोस्तों से ये अक्षर टेस्ट क्यों करा रहे हैं ?
सुन्दर कविता !
घुघूती बासूती
बहुत अच्छा लगा इसे पढ़कर!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा!!!!!
जवाब देंहटाएंbahut badhiya tushar ji.sach likha hai apne.
जवाब देंहटाएंkafi badhiyan hai bahut hi pyare aur simple words main apni bhawnao ko kaha hai aapne , really nice & worth reading
जवाब देंहटाएं- vikas jha
तुषार जी बहुत सुन्दर सरल शब्दो में एक सुप्रसिध्द दवा का नाम बता दिया है,..सच है ये...
जवाब देंहटाएंहै अकेलापन बिमारी
दोसती इसकी दवा है
पी गया जो भी इसे वो
ठीक पल भर में हुआ है
इसिलीए तो कहा गया है...
दोस्ती से बड़ी कोई जागीर नही होती,
बहुत-बहुत बधाई...दोस्त बनाने के लिये,..ओर दवा पिलाने के लिए...
सुनीता(शानू)
नमस्कार तुषारजी,
जवाब देंहटाएंकविता की भावना सर्वग्राही है और उसका सामान्य होना बहुत जँचा. साधुवाद.
एक बात कहूँ ..आप अन्यथा न लें .. प्रस्तुतीकरण में अक्षरी दोष(spelling mistake)खलता है. इसके प्रति सावधानी आवश्यक है.
वैसे, सामान्य शब्दों में कुछ कह पाना आसान नहीं होता. जो आपने किया है. अच्छी दवा बताई है आपने. एक बार पुनः साधुवाद.
:)
जवाब देंहटाएंsimple but sweet poem. Pic is also nice.
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