सोमवार, 14 मई 2007

दोसती दवा है


most wanted......., originally uploaded by sonal chitnis.

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है अकेलापन बिमारी
दोसती इसकी दवा है
पी गया जो भी इसे वो
ठीक पल भर में हुआ है

इस दवा में खासियत है
आप भी जी भर के पिलो
दोस्त बन जाओ हमारे
जिन्दगी जी भर के जी लो

मुफ्त में मिलती है बाबू
बाँटते ना हिचकिचाना
जो मिले बीमार तुमको
खुब जी भर के पिलाना

है अकेलापन बिमारी
दोसती इसकी दवा है
पी गया जो भी इसे वो
ठीक पल भर में हुआ है

तुषार जोशी, नागपुर

10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रचना है-

    है अकेलापन बिमारी
    दोसती इसकी दवा है
    पी गया जो भी इसे वो
    ठीक पल भर में हुआ है

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  2. बहुत ठीक कह रहे हैं आप !
    दोस्ती दोस्तों से आप कर रहे हैं
    फिर दोस्तों से ये अक्षर टेस्ट क्यों करा रहे हैं ?
    सुन्दर कविता !
    घुघूती बासूती

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  3. kafi badhiyan hai bahut hi pyare aur simple words main apni bhawnao ko kaha hai aapne , really nice & worth reading

    - vikas jha

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  4. तुषार जी बहुत सुन्दर सरल शब्दो में एक सुप्रसिध्द दवा का नाम बता दिया है,..सच है ये...

    है अकेलापन बिमारी
    दोसती इसकी दवा है
    पी गया जो भी इसे वो
    ठीक पल भर में हुआ है
    इसिलीए तो कहा गया है...
    दोस्ती से बड़ी कोई जागीर नही होती,
    बहुत-बहुत बधाई...दोस्त बनाने के लिये,..ओर दवा पिलाने के लिए...
    सुनीता(शानू)

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  5. नमस्कार तुषारजी,

    कविता की भावना सर्वग्राही है और उसका सामान्य होना बहुत जँचा. साधुवाद.
    एक बात कहूँ ..आप अन्यथा न लें .. प्रस्तुतीकरण में अक्षरी दोष(spelling mistake)खलता है. इसके प्रति सावधानी आवश्यक है.

    वैसे, सामान्य शब्दों में कुछ कह पाना आसान नहीं होता. जो आपने किया है. अच्छी दवा बताई है आपने. एक बार पुनः साधुवाद.

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