शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

क्लीक के काबिल

(छायाचित्र सहयोग: मनाली)
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आप जब भी कह दोगे स्माईल प्लीज़
सामने वाले को लगने लगेगी दुनिया अज़ीज़

आपको देख कर वो तो दंग रह जायेगा
उसका फोटो ज़ाहिर है बढ़िया ही आयेगा

आपने याद रखना चाहा ये क्या कम है
यही खुशी है के आपके क्लीक के काबिल हम है

तुषार जोशी, नागपूर
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बुधवार, 2 नवंबर 2011

तुम जो आए

(छायाचित्र सहयोग: नेहा)
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सादगी ये कहाँ से तुम लाए
होशवालों के होश उड जाए

तुम जो आए हमारे घर में जी
लगता है दिन में चांदनी आए

भूल जातें है सारे शिकवे हम
तुम नज़ाक़त से ऐसे मुसकाए

होश कैसे रहे ठिकाने पे
सावले रंग से नशा छाए

तुम ना थे तो कोई ग़म ना था
तुम जो आए दर्दे दिल लाए

तुमने आँखों से कह दिया क्या है
दिल तडपता है कह उठे हाए

तुषार जोशी, नागपूर
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मंगलवार, 1 नवंबर 2011

मासूम सवाल

(छायाचित्र सहयोग: नेहा)
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आपकी नज़र का कमाल तो देखो
धडकते हुए दिल का हाल तो देखो

इस कदर जुल्फें खुली घटा शरमा गइ
हमने जो कहीं वो मिसाल तो देखो

गालों पर आजायेँ किस तरह ईतराए
देखो उस लट की मजाल तो देखो

आपने प्यार से जो हमें यूँ देख लिया
कितने दिल टुट गए बवाल तो देखो

आप हमें सालों पहले क्यों ना मिले
कितना मासूम है ये सवाल तो देखो

तुषार जोशी, नागपूर
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