ताज़गी
यूँ छलकती है तेरे हसने से
जिन्दगी
यूँ महकती है तेरे हसने से
जी गया
मै तुझको देख के यूँ जी गया
पी गया
मै तेरी सुन्दरता पी गया
नशा नशा
अब मुझे हुआ है यूँ नशा नशा
अदा अदा
जितनी तेरी देखूँ अदा अदा
ताज़गी
यूँ छलकती है तेरे हसने से
जिन्दगी
यूँ महकती है तेरे हसने से
तुषार जोशी, नागपुर
Beautiful!
जवाब देंहटाएंरुमानियत और सादगी दोनो ही है कविता में।
जवाब देंहटाएं*** राजीव रंजन प्रसाद
आपकी कविताओं में सादगी बहुत ही सुन्दर दिखती है।
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