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ग़म को कुछ कम हो लेने दो
बस जी भर के रो लेने दो
दिल से लिपटे सब वादों को
इस बारिश में धो लेने दो
हम खुश है कुछ हुआ नहीं है
कहते हैं तो कह लेने दो
आप का तोहफा हैं यें आँसू
दिल को फिर डुबो लेने दो
आज हुआ क्या कुछ ना पुछो?
बस जी भर के रो लेने दो
तुषार जोशी, नागपुर
kya bat hai dda.khupach apratim.ayishay bhauk ahe hi
जवाब देंहटाएंnice pictures and nice wordings Tushar.
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