शनिवार, 20 जुलाई 2013

बचाकर रखना होगा

(छायाचित्र सहयोग: अपराजिता
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आईने को तुमसे बचाकर रखना होगा
वो जलकर टूट भी सकता है
चैन को अपने सम्हाले रखना होगा
तुम हँसे तो छूट भी सकता है

भूलता ही नहीं तुम्हारे अहसास का कोई भी पल
उफ वो गहरी आँखे बड़ी बड़ी उफ वो प्यारा डिंपल
तुम ना निहारना मुझे ज्यादा देर तक
सब्र का बांध फूट भी सकता है
आईने को तुमसे बचाकर रखना होगा
वो जलकर टूट भी सकता है

तुम सँजती हो तो लगे दुनिया दुलहन सी हँसीन
लगता है जैसे जिंदगी हो गई हो अचानक रंगीन
दिल मनाए त्योहार तुम्हारे आने से
जाओ तो रूठ भी सकता है
आईने को तुमसे बचाकर रखना होगा
वो जलकर टूट भी सकता है

~ तुष्की
नागपूर, २० जुलाई २०१३, १८:००

सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

चाँदनी

(छायाचित्र सहयोगः रेखा )
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आप देखते हो तो लगता है
सर्दियों की धूप जैसी
तपिश में तप रहा है मन
और आँखे झुका लेते हो
तो जैसे चाँदनी बिखर जाती है

आपको पता ना हो मगर
आपकी अदाओं से
मचती है उथल पुथल मन में
आपके खुले बाल, वो सुनहरी बिंदी
आपकी हलकी हँसी
इक लहर कि तरह आतीं है
और सुनामी बनकर बरसती हैं
दिल की बस्ती में

नींद और चैन
बहा ले जातें हो आप
और हम रह जातें है
भरते हुए आहें
और करते हुए इंतजार
दुसरी लहर का
फिरसे मिट जाने के लिये.

~ तुष्की
११ फेब्रुवारी २०१३, १०:००