ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
हवाए है थम गईचमन फूलता नहीहोश बदहवास हैजिन्दगी उदास हैरूक गये है रासतेआज मेरे वासतेकिसकी यूँ तलाश हैजिन्दगी उदास हैआईना मै देखूँ क्याकोई जो नहीं मेरादर्द मेरे पास हैजिन्दगी उदास हैतुषार जोशी, नागपुर
बहुत ही खूबसूरत!भावों का सुन्दर समावेश! अच्छा लग रहा है।
बहुत ही खूबसूरत!
जवाब देंहटाएंभावों का सुन्दर समावेश! अच्छा लग रहा है।