ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
तुम हस दिये तोसब सवाल धुल गयेक्यो खिली बहार?सब जवाब मिल गयेतुम हस दिये तोदिल नाचने लगाजिन्दगी हसीन हैमन सोचने लगातुम हस दिये तोदिन गया महकखुश हुआ मैं यूँजैसे गुड मिला बालकतुषार जोशी, नागपुर
लगता है तस्वीर घर कर रही हैआपकी भावनाएँ यूँ बह रही हैबहुत ही सुन्दर!!!
wah sir, amazing....! masta !!
लगता है तस्वीर घर कर रही है
जवाब देंहटाएंआपकी भावनाएँ यूँ बह रही है
बहुत ही सुन्दर!!!
wah sir, amazing....! masta !!
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