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तेरी मेरी दोसती
धूँप कभी छाँव है
सुनहरे सपनों का
अपनासा गाँव है
मेरा दिल जाने तू
तेरा दिल जानु मैं
दुर हैं या पास हैं
आयेंगे कितने पर
दोसतों में यूँ मगर
तू ही मेरी खास है
झगडा तेरे साथ है
मस्ती तेरे साथ है
सारी जिंदगी
तेरी मेरी दोसती
धूँप कभी छाँव है
सुनहरे सपनों का
अपनासा गाँव है
तू जरा हँस दे तो
महका दे दिन सारा
तू खुशी है जान है
गम को भी अपनाए तू
सहती चली जाए तू
आँखों में मुसकान है
तू हमेशा पास है
मन में ये अहसास है
सारी जिंदगी
तेरी मेरी दोसती
धूँप कभी छाँव है
सुनहरे सपनों का
अपनासा गाँव है
तुषार जोशी, नागपूर
धूँप कभी छाँव है
सुनहरे सपनों का
अपनासा गाँव है
मेरा दिल जाने तू
तेरा दिल जानु मैं
दुर हैं या पास हैं
आयेंगे कितने पर
दोसतों में यूँ मगर
तू ही मेरी खास है
झगडा तेरे साथ है
मस्ती तेरे साथ है
सारी जिंदगी
तेरी मेरी दोसती
धूँप कभी छाँव है
सुनहरे सपनों का
अपनासा गाँव है
तू जरा हँस दे तो
महका दे दिन सारा
तू खुशी है जान है
गम को भी अपनाए तू
सहती चली जाए तू
आँखों में मुसकान है
तू हमेशा पास है
मन में ये अहसास है
सारी जिंदगी
तेरी मेरी दोसती
धूँप कभी छाँव है
सुनहरे सपनों का
अपनासा गाँव है
तुषार जोशी, नागपूर
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