ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
"लिखने के लिये शब्द खोजने का प्रयास व्यर्थ है, जो भाव मन में उठ्ते हैं बह जाने तो, शब्द स्वत: ही मूल्यवान हो जायेंगे" - कुछ ऐसा ही सिद्ध कर रहें है आप।
सादगी से बात कहने के आपके तरीका का मैं कायल हूँ..
जवाब देंहटाएं*** राजीव रंजन प्रसाद
"लिखने के लिये शब्द खोजने का प्रयास व्यर्थ है, जो भाव मन में उठ्ते हैं बह जाने तो, शब्द स्वत: ही मूल्यवान हो जायेंगे" - कुछ ऐसा ही सिद्ध कर रहें है आप।
जवाब देंहटाएंबधाई!