मंगलवार, 22 मई 2007

तुम्हे देखा

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तुम्हे देखा तभी सोचा
बहोत कुछ पा लिया मैने
तुम्हे अपना बनाऊंगा
इरादा झट किया मैने

जो मेरा था लडकपन से
जो मेरा रह नही पाया
जो इतने दिन सम्हाला था
तुम्हे दिल दे दिया मैने

तुषार जोशी, नागपुर

गुरुवार, 17 मई 2007

तुम्हारी हाँ


doddano kaaji..., originally uploaded by ahskad.

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तुम्हारी हाँ अंगुठी बन
के उंगली मे समा गई है
चिढ़ाना सारे मित्रों का
ठीठोली मुझको भा गई है

मुझे रोमांच देता है
मुझे वो सब लगे प्यारा
जहाँ से जिक्र तुम्हारा और
तुम्हारी याद आ गई है

तुषार जोशी, नागपुर

क्या हुआ मुझको


Rings, originally uploaded by Manny Pabla.

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जो करती थी पसंद मुझको
मुझे बिलकुल नही भाती
जिसे मै ठीक कहता हुँ
वो ना ना कह के है जाती

तुम्हे जब देखने आया
पता ना क्या हुआ मुझको
जिधर देखू मुझे तेरी
ही सूरत है नज़र आती

तुषार जोशी, नागपुर

सोमवार, 14 मई 2007

दोसती दवा है


most wanted......., originally uploaded by sonal chitnis.

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है अकेलापन बिमारी
दोसती इसकी दवा है
पी गया जो भी इसे वो
ठीक पल भर में हुआ है

इस दवा में खासियत है
आप भी जी भर के पिलो
दोस्त बन जाओ हमारे
जिन्दगी जी भर के जी लो

मुफ्त में मिलती है बाबू
बाँटते ना हिचकिचाना
जो मिले बीमार तुमको
खुब जी भर के पिलाना

है अकेलापन बिमारी
दोसती इसकी दवा है
पी गया जो भी इसे वो
ठीक पल भर में हुआ है

तुषार जोशी, नागपुर

रविवार, 13 मई 2007

चिठ्ठी


more orange than pink..., originally uploaded by `daksha.

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साडी देखी वही स्टाल पर
हाथ तेरा महसूस हुआ
कितने दिनसे मिला ना तुझको
मन मेरा मायूस हुआ

छुट्टी लेकर जल्दी ही
मैं तुमको मिलने आजाऊँ
सोच रहा हूँ तेरे वासते
साडी ये ही खरिद लाऊँ

छोटी छोटी बातों से भी
याद आती हो तुम मैना
यहाँ मैं खुश हूँ याद में तेरी
तुम चिठ्ठी पढना खुश रहना

तुषार जोशी, नागपुर

शनिवार, 12 मई 2007

अमलताश के फूल


Ratchaphruek, originally uploaded by dinesh_valke.

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अमलताश के फूल तुम्हारी
मधुर सादगी के लिये
इन ताज़ा मुस्कानों जैसी
स्वर्णिम जिंदगी के लिये

अमलताश के फूल नहीं यें
बच्चे हैं ठिठोली करते
जिवन की इस बगिया को
निर्मल सी हँसी से भरते

अमलताश के फुलों जैसा
जिवन खुशियों से भर जाए
एक दो पत्तियों जैसा
दुख बस थोडासा रह जाए

तुषार जोशी, नागपुर

गुरुवार, 10 मई 2007

रो लेने दो


Bombay - India, originally uploaded by La Moreneta.

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ग़म को कुछ कम हो लेने दो
बस जी भर के रो लेने दो

दिल से लिपटे सब वादों को
इस बारिश में धो लेने दो

हम खुश है कुछ हुआ नहीं है
कहते हैं तो कह लेने दो

आप का तोहफा हैं यें आँसू
दिल को फिर डुबो लेने दो

आज हुआ क्या कुछ ना पुछो?
बस जी भर के रो लेने दो

तुषार जोशी, नागपुर

बुधवार, 9 मई 2007

प्रयास


shakespeare, originally uploaded by ahskad.

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अगर तुम कविता करती हो
मै उसे पढ़ना चाहूंगा
तुम्हे समझने के प्रयास में
दो कदम आगे आ जाऊंगा
अगर तुम कविता करती हो
मै उसे पढ़ना चाहूंगा

अच्छी है या बुरी ये
सवाल ना करना मुझसे
मन से लिखा है, जो सच
उसमे मैं
अच्छे बुरे का भेद नहीं लाऊंगा
अगर तुम कविता करती हो
मै उसे पढ़ना चाहूंगा

तुम्हारे लिखे जज़बातों को
उस वक्त की सच्ची बातों को
अपने स्वर में ढ़ालकर
सुनो,
उसे मै तुम्हे सुनाऊंगा
अगर तुम कविता करती हो
मै उसे पढ़ना चाहूंगा

तुषार जोशी, नागपुर

रविवार, 6 मई 2007

अब समय मेरा है


The Shawshank Redemption !, originally uploaded by arkoprovo.

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अब समय मेरा है
कुछ भी कर सकता हूँ मैं
ये दावा सुनहरा है
अब समय मेरा है

मुसिबतों का डर नहीं
चीरता चलूँगा मैं
आँधीयों के बाद भी
यहीं खडा मिलूँगा मैं

मै चमकता सितारा हूँ
जो अंधेरा घनेरा है
अब समय मेरा है
कुछ भी कर सकता हूँ मैं
ये दावा सुनहरा है
अब समय मेरा है

ये जग भर दूँगा मैं
प्यार से विश्वास से
पिता सवाँरता है
बच्चों की जिंदगी जैसे

सबको साथ रखने वाली
मेरी विचारधारा है
अब समय मेरा है
कुछ भी कर सकता हूँ मैं
ये दावा सुनहरा है
अब समय मेरा है

तुषार जोशी, नागपुर

शनिवार, 5 मई 2007

कितनी खुश हूँ


Aishwarya13, originally uploaded by Tilak Haria.

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कितनी खुश हूँ
पुछो मेरे
रेशमी बालों से
चेहरे पर बनते
धूप और
छाँव के जालों से

आईना भी
मुसकाता है
देखके अब मुझको
कितनी खुश हो
कहता पगली
हुआ क्या है तुझको

दिल करता है
चिख चिख कर
सबको बतलाऊँ
सब सुना दूँ
आज अभी मैं
कुछ ना छुपाऊँ

आज मिली है
मुझको अपनी
अलग एक पहचान
मेरे ही इस
नये रूप से
अब तक थी अनजान

तुषार जोशी, नागपुर

शुक्रवार, 4 मई 2007

हसीन कविता


(छायाचित्र सहयोग: सोनल)

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किसी दिवाने कवि की
तुम हसीन कविता हो

इतने सटीक नयन नक्श
कोई होश में रहकर
कैसे बना सकता है?
वो जरूर नशे में रहा होगा.
तुमको बनाने के बाद
उसने खुदसे वाह! कहा होगा.

सादगी से सुबह जैसे
कोई फूल मुस्कुराता हो
किसी दिवाने कवि की
तुम हसीन कविता हो

इतनी सादगी के साथ
दिल को चीरता हुआ
कोई कैसे मुस्का सकता है?
जरूर एक जादूगरनी हो
समा महका जाने वाली
तुम कस्तूरी हिरनी हो

पानी की चाह में जैसे
कोई मलहार गाता हो
किसी दिवाने कवि की
तुम हसीन कविता हो

तुषार जोशी, नागपुर

गुरुवार, 3 मई 2007

खुशी


full of life....!, originally uploaded by sonal chitnis.

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खुशी जब दिल में
भर आती है
मुस्कुराहट में
छलक जाती है

मुस्कुराहट बनती है
अनोखा गहना
चेहरे की सुंदरता का
फिर क्या कहना

खुशी जो चेहरे से
यूँ छलकती है
महफिल में खुशी की
लहर महकती है

एक दिये से मिलकर
जलते है सौ दिये
आप यूँ ही मुस्कराएँ
सौ सौ साल जिये

तुषार जोशी, नागपुर

बुधवार, 2 मई 2007

सागर तट जाकर


सागर तट जाकर
बैठता हूँ कभी मैं
चिंताएँ अपनी
भूलता हूँ सभी मैं

निर्जन टापू पर
सुनकर लहरों को
हरदम होता हूँ
आनंदित और भी मैं

रुककर सुनता हूँ
प्रकृती का इशारा
आगे बढने का
बढता है बल मेरा

छोडता हूँ वही पर
कष्ट सारे जहाँ के
लेकर आता हूँ
महका सा एक चेहरा

तुषार जोशी, नागपुर

(छायाचित्र सौजन्य कृपाली)

मंगलवार, 1 मई 2007

ताज़गी


Aishwarya16, originally uploaded by Tilak Haria.

ताज़गी
यूँ छलकती है तेरे हसने से
जिन्दगी
यूँ महकती है तेरे हसने से

जी गया
मै तुझको देख के यूँ जी गया
पी गया
मै तेरी सुन्दरता पी गया

नशा नशा
अब मुझे हुआ है यूँ नशा नशा
अदा अदा
जितनी तेरी देखूँ अदा अदा

ताज़गी
यूँ छलकती है तेरे हसने से
जिन्दगी
यूँ महकती है तेरे हसने से

तुषार जोशी, नागपुर

हँसती हो तब


Aishwarya28, originally uploaded by Tilak Haria.

तुम हँसती हो तब
दिल की कलियाँ
खिल खिल जाती हैं
रूठ गईं थी
वो सब खुशीयाँ
लौट के आती हैं

तुम हँसती हो तब
जगमग जाते
कोई सौ दिये
पास हो जिसके
ऐसी दौलत
और क्या चाहिये

तुम हँसती हो जब
मन करता है
जान लुटा जाऊ
अपनी सारी
खुशियाँ तुम्हारे
नाम ही लिख आऊ

तुषार जोशी, नागपुर

हैरानी मे भी


Aishwarya17, originally uploaded by Tilak Haria.

मै सच कहता हूँ
तुमसा सुंदर
कोई नही जग में
तेरी उपमा बने
सितारा
कोई नहीं नभ में

सच्ची बताऊ
हैरानी की
बात नही कोई
हैरानी मे भी
तुमसा सुंदर
और नही कोई

झील के जैसी
आँखों का
जाम हो जाता है
तुम जो भी
करती हो उसका
नाम हो जाता है

तुषार जोशी, नागपुर

जिन्दगी उदास है


Aishwarya18, originally uploaded by Tilak Haria.

हवाए है थम गई
चमन फूलता नही
होश बदहवास है
जिन्दगी उदास है

रूक गये है रासते
आज मेरे वासते
किसकी यूँ तलाश है
जिन्दगी उदास है

आईना मै देखूँ क्या
कोई जो नहीं मेरा
दर्द मेरे पास है
जिन्दगी उदास है

तुषार जोशी, नागपुर

भयकंपित


Aishwarya23, originally uploaded by Tilak Haria.

भयकंपित हो
जब तुमने
दरवाजा खोला था
रबड था बुद्धू
साँप नही जो
हाथ में डोला था

मगर तुम्हारी
सूरत देखी
पछताया फिर मैं
तुम रूठी तो
जियूँगा कैसे
घबराया फिर मैं

देखो दोनों
हाथों से मै
कान पकडता हूँ
माफ करो
मत रूठों मुझसे
नाक रगडता हूँ

तुषार जोशी, नागपुर

तुम हस दिये तो


Aishwarya26, originally uploaded by Tilak Haria.

तुम हस दिये तो
सब सवाल धुल गये
क्यो खिली बहार?
सब जवाब मिल गये

तुम हस दिये तो
दिल नाचने लगा
जिन्दगी हसीन है
मन सोचने लगा

तुम हस दिये तो
दिन गया महक
खुश हुआ मैं यूँ
जैसे गुड मिला बालक

तुषार जोशी, नागपुर

सागर सी आखें


Aishwarya27, originally uploaded by Tilak Haria.

सागर सी आखें करती है
दिल को दिवाना
आंखो में भी नशा होता है
देख के है जाना

सुंदरता की परिभाषा को
बदल दिया तुमने
कैसे बताएँ सबको के क्या
देख लिया हमने

तुषार जोशी, नागपुर

प्रथम हिन्दी चिठ्ठा

आज अपना पहला हिन्दी चिठ्ठा आरंभ करके प्रसन्नता हो रही है - तुषार