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तुम कर लोगे
करने की शक्ति तुझमें है
सब समझ जाओगे
सृजनशील युक्ति तुझमें है
प्रगती के पाठ
हम गिरकर ही सिखतें हैं
जो गिरकर उठतें है
वें ही आखिर तक टीकते हैं
तुझे यश मिलेगा
प्रयत्नशील वृत्ति तुझमें है
तुम कर लोगे
करने की शक्ति तुझमें है
जब जमता नही है
मन मायूस होता है
विश्वास रखो होगा होगा
कहो तो हँसता है
तुझे विश्वास होगा
सद्विवेक बुद्धि तुझमें है
तुम कर लोगे
करने की शक्ति तुझमें है
तुषार जोशी, नागपुर
ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
शुक्रवार, 8 जून 2007
तुझमें है
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तुषार जी चित्र तो कमाल का आपने लगाया ही है शब्द भी बडे प्रेरक खीचें हैं।
जवाब देंहटाएंसब समझ जाओगे
सृजनशील युक्ति तुझमें है
बहुत खूब।
*** राजीव रंजन प्रसाद
बहुत अच्छी कविता ...अच्छा लगा पढ़कर...बधाई
जवाब देंहटाएंटिप्पणी प्राप्त करने के लिये एक प्रयास। मुझे देखना है के ब्लागर द्वारा किस पते से इस टिप्पणी की जानकारी मुझे मिलती है। उस पते को मै गुगल समूह में जोड दुंगा।
जवाब देंहटाएं(प्रयोगशील)
तुषार
मुझे इससे ये पता चला कि ब्लागर जिस पते से मेल भेजता है वो है noreply-comment@blogger .com मैने उसे मेरे गुगल समूह का सदस्य बना दिया और अब यह टिप्पणी मुझे गुगल समूह में पढने मिलने की संभावना है। देखते हैं।
जवाब देंहटाएंsomehow the comment didnt appeared on the group last time, trying again
जवाब देंहटाएंOops the noreply-comment@blogger.com member was not having posting permission, my mistake :(
जवाब देंहटाएंI have set the permission and this message is likely to be read in the group also :)
Now new method, this mail is now set to kavitaa-tippani@hindyugm.com, that address forwards it to the group mail
जवाब देंहटाएंGoogle groups are not suitable for this technique trying with Yahoo groups now ;)
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