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मुझे कुछ तलाश है
जो जो होना चाहिये
वो तो मेरे पास है
फिर भी कुछ तलाश है
एक जगह चाहिये जहाँ
सारा प्यार लुटा सकूँ
ऐसा काम के जहाँ
खुदको मैं भुला सकूँ
किसी अंजान मंज़िल की
अंजान सी प्यास है
मुझे कुछ तलाश है
एक कदम उधर जहाँ
दुख अधिक हो सुख हो कम
आसानी से जो ना हो
करते करते निकले दम
घोसले को छोड कर
उडने का प्रयास है
मुझे कुछ तलाश है
तुषार जोशी, नागपुर
ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
मंगलवार, 5 जून 2007
तलाश
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ऐसा काम के जहाँ
जवाब देंहटाएंखुदको मैं भुला सकूँ
किसी अंजान मंज़िल की
अंजान सी प्यास है
मुझे कुछ तलाश है
एक कदम उधर जहाँ
दुख अधिक हो सुख हो कम
आसानी से जो ना हो
करते करते निकले दम
घोसले को छोड कर
उडने का प्रयास है
मुझे कुछ तलाश है
ye lines bahot man ko bhaa gayee Tusharji !
एक कदम उधर जहाँ
जवाब देंहटाएंदुख अधिक हो सुख हो कम
आसानी से जो ना हो
करते करते निकले दम
घोसले को छोड कर
उडने का प्रयास है
मुझे कुछ तलाश है
एक बार फिर आपकी सशक्त और संवेदनशील रचना।
*** राजीव रंजन प्रसाद
एक जगह चाहिये जहाँ
जवाब देंहटाएंसारा प्यार लुटा सकूँ
ऐसा काम के जहाँ
खुदको मैं भुला सकूँ
किसी अंजान मंज़िल की
अंजान सी प्यास है
मुझे कुछ तलाश है
बहुत ख़ूब तुषार जी
सच में एक तलाश सबको है ..
हर कोई कुछ ना कुछ तलाश कर रहा है
बहुत सुंदर भाव में बँधा है आपने लफ़्ज़ो को...
तुषार जी,
जवाब देंहटाएंजिन्दगी खुद में इक तलाश है... बाद में त हट जाता है और लाश रह जाती है....
आदमी जितना पाता जाता है यह "त" उतना ही लम्बा होता जाता है... न जाने इस "त" से पूरा शब्द क्या बनता है
शायद तमन्ना, तक्दीर, तदबीर या कुछ और...आप बताये
लगता है मै कुछ ज्यादा ही फ़िलोसिफ़िकल हो गया
@स्वना जी, @राजीव जी, @रंजू जी
जवाब देंहटाएंप्रोत्साहन के लिये शुक्रिया
@मोहिन्दर जी
आपने तो बहोत कुछ कह दिया अब मैं उस पर सोच रहा हूँ।
Desire to get out of the comfort zone itself is a door to Galaxy...
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