बुधवार, 6 जून 2007

क्या तुम


handful, originally uploaded by Gauri V.

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सुबह उठते ही
तुम्हारे यादों की खुशबू
तन बदन पर
छा जाती है
आईने में देखता हूँ
तो तुम्हारी छवी
धिरे से मुस्कराती है
छोटी से छोटी बात भी
मै तुम्हे बताना चाहता हूँ
तुम्हारे साथ क्या क्या
बाते करनी है
तुम ना होने पर
यहीं सोचते रहता हूँ
तुमसे झगडा होता है जब
तुमसे ही तुम्हारी शिकायत
मै करता हूँ सब लोगों में
आदतन तुम्हारी हिमायत
दोस्तों में जब कोई बात
दिल से छू जाती है
और मै देखता हूँ तुम्हारी तरफ
तो पाता हूँ तुम्हे पहले से ही
देखता हुआ मेरी तरफ
हर बात में मेरी ज़िंदगी
तुम तक आकर रूक जाती है
तुमसे मेरे दिन रंगीं है
तुमसे मेरी खुशीयाँ आती हैं
तुम्हारे साथ रहकर तुमको
थोडा सा हँसाना चाहता हूँ
तुमसे जमकर झगडा करके
फिर तुमको मनाना चाहता हूँ
कहते हैं ज़िदगी का सफर नही आसान
मगर फिर भी मेरे साथ साथ चलोगी?
अकेले है मुश्किल,
तुम साथ हो तो आसान
क्या तुम मुझसे शादी करोगी?

तुषार जोशी, नागपुर

4 टिप्‍पणियां:

  1. हाँ हो तो भला,
    न हो तो भी भला
    हाँ हुई तो पाएंगे
    एक हंसी सौगात
    ना होने पर दिख जाएगी
    प्रियतमाी की औकात।

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  2. Tushar Sir,
    This is poem is excellent and touches heart of everbody,
    The poem exactly reflects the feelings of every lover

    Keep it up

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  3. बहुत सुन्दर ! अच्छा लगा पढ़कर ।
    घुघूती बासूती

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  4. दोस्तों में जब कोई बात
    दिल से छू जाती है
    और मै देखता हूँ तुम्हारी तरफ
    तो पाता हूँ तुम्हे पहले से ही
    देखता हुआ मेरी तरफ

    bahut sundar likha hai ।

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