.
कुछ नही होगा
थोडा धीरज रखो
तुमको क्या मिला है
पहले ये तो देखो
झगडा ही हुआ है
ये प्यार ही तो है
कोई राह चलते लडकी से
लडता नही है
तुझमें शक्ती है पगली
प्यार करते रहने की
तुम तो हल कर लोगी
हर मुश्किल जिने की
चलो अब हँसदो
देखो मेरी तरफ
तुम तोड सकती हो ये
मन मुटाव कि बरफ
तुषार जोशी, नागपूर
१७ डिसेंबर २००७
ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
सोमवार, 17 दिसंबर 2007
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
thats so nice
जवाब देंहटाएं