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अपयश एक अवस्था है
समझें तो डर जाता रहता है
अपयश को मुह चिढाने का
मन में बल आता रहता है
भले परिस्थिती भयपूर्ण रूप ले
और धडकने बढाए हमारी
हमने कस कर पकड रखनी है
आत्मविश्वास की अपनी डोरी
अपयश स्वप्न राक्षस है
जब ये समझ लेते हो
उसके बाद सारी रात
घोडे बेच कर सो सकते हो
तुषार जोशी, नागपुर
ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
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अपयश स्वप्न राक्षस है
जवाब देंहटाएंजब ये समझ लेते हो
उसके बाद सारी रात
घोडे बेच कर सो सकते हो
शब्द में दर्शन है और चित्र में काव्य।
*** राजीव रंजन प्रसाद
वाह भाई ..कविता और चित्र दोनों अच्छे लगे
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