सोमवार, 10 सितंबर 2012

मोतीयों की लडी

(छायाचित्र सहयोग: कोमल )
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हँसी है तुम्हारी जैसे बरखा की झडी
होठों पे चमके देखो मोतीयों की लडी

खुशी छलकाती आँखें खिलाखिला ये चेहरा
भर देता है मौसम में रंग हरा और गहरा
लगता है आसमानी परी सामने खडी
होठों पे चमके देखो मोतीयों की लडी

सुंदरता सादगी है हँसी तुम्हारा गहना
जीवनभर इसी तऱ्हा तुम खुशी बाँटते रहना
तुम जब हो पास वो है बड़ी सुहानी घडी
होठों पे चमके देखो मोतीयों की लडी

तुषार जोशी, नागपूर
१० सितंबर २०१२, ११:४५

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