.
तमतमाया चेहरा
आँखो में प्यार देखा
चंदा को धूप के संग
हमने तो यार देखा
वो भली बुरी बातें
चेहरे पे उनके कहना
और दिल ही दिल में उनपे
किसीका मरते रहना
लेकर उन्हीं की यादों को
बेकरार देखा
चंदा को धूप के संग
हमने तो यार देखा
मिलने को ना आना तुम
होठों से उनको कहना
आँखों से फिर भी उनकी
राहों को तकते रहना
कैसा अजब तमाशा
कैसा करार देखा
चंदा को धूप के संग
हमने तो यार देखा
तुषार जोशी, नागपूर
ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
शनिवार, 12 जनवरी 2008
अजब तमाशा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
tumhi tumchya pratyek kavitela visual ka attached kela ahet...mhanje virgin kavita hot nahiyee ti vachtana
जवाब देंहटाएंranvirpatil@live.com
suppressed.blog.co.in
Hi Ravi,
जवाब देंहटाएंThe blog ShabdaChitra is exactly what you thought. All the poems written there are written after seeing those photos. In fact when I see a new good and artistic photo I give myself 10 minutes and if I could write something I do that and post on this blog. My independent poems are on other communities and blogs not here
with regards
Tushar
Tushar Joshi
http://www.tusharvjoshi.com
hi tushar.. really great work yaar..
जवाब देंहटाएंmaza aa gaya padhlar ..
in fact poori tarah se phot ko justify karta hai .. kudos yaar.
vijay