शनिवार, 12 जनवरी 2008

अजब तमाशा


The Gaze, originally uploaded by Windowshopper's back.

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तमतमाया चेहरा
आँखो में प्यार देखा
चंदा को धूप के संग
हमने तो यार देखा

वो भली बुरी बातें
चेहरे पे उनके कहना
और दिल ही दिल में उनपे
किसीका मरते रहना
लेकर उन्हीं की यादों को
बेकरार देखा
चंदा को धूप के संग
हमने तो यार देखा

मिलने को ना आना तुम
होठों से उनको कहना
आँखों से फिर भी उनकी
राहों को तकते रहना
कैसा अजब तमाशा
कैसा करार देखा
चंदा को धूप के संग
हमने तो यार देखा

तुषार जोशी, नागपूर

3 टिप्‍पणियां:

  1. tumhi tumchya pratyek kavitela visual ka attached kela ahet...mhanje virgin kavita hot nahiyee ti vachtana

    ranvirpatil@live.com
    suppressed.blog.co.in

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  2. Hi Ravi,

    The blog ShabdaChitra is exactly what you thought. All the poems written there are written after seeing those photos. In fact when I see a new good and artistic photo I give myself 10 minutes and if I could write something I do that and post on this blog. My independent poems are on other communities and blogs not here

    with regards
    Tushar

    Tushar Joshi
    http://www.tusharvjoshi.com

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  3. hi tushar.. really great work yaar..
    maza aa gaya padhlar ..

    in fact poori tarah se phot ko justify karta hai .. kudos yaar.

    vijay

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