(छायाचित्र सहयोग: अपराजिता )
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आईने को तुमसे बचाकर रखना होगा
वो जलकर टूट भी सकता है
चैन को अपने सम्हाले रखना होगा
तुम हँसे तो छूट भी सकता है
भूलता ही नहीं तुम्हारे अहसास का कोई भी पल
उफ वो गहरी आँखे बड़ी बड़ी उफ वो प्यारा डिंपल
तुम ना निहारना मुझे ज्यादा देर तक
सब्र का बांध फूट भी सकता है
आईने को तुमसे बचाकर रखना होगा
वो जलकर टूट भी सकता है
तुम सँजती हो तो लगे दुनिया दुलहन सी हँसीन
लगता है जैसे जिंदगी हो गई हो अचानक रंगीन
दिल मनाए त्योहार तुम्हारे आने से
जाओ तो रूठ भी सकता है
आईने को तुमसे बचाकर रखना होगा
वो जलकर टूट भी सकता है
~ तुष्की
नागपूर, २० जुलाई २०१३, १८:००
वो जलकर टूट भी सकता है
चैन को अपने सम्हाले रखना होगा
तुम हँसे तो छूट भी सकता है
भूलता ही नहीं तुम्हारे अहसास का कोई भी पल
उफ वो गहरी आँखे बड़ी बड़ी उफ वो प्यारा डिंपल
तुम ना निहारना मुझे ज्यादा देर तक
सब्र का बांध फूट भी सकता है
आईने को तुमसे बचाकर रखना होगा
वो जलकर टूट भी सकता है
तुम सँजती हो तो लगे दुनिया दुलहन सी हँसीन
लगता है जैसे जिंदगी हो गई हो अचानक रंगीन
दिल मनाए त्योहार तुम्हारे आने से
जाओ तो रूठ भी सकता है
आईने को तुमसे बचाकर रखना होगा
वो जलकर टूट भी सकता है
~ तुष्की
नागपूर, २० जुलाई २०१३, १८:००
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