मंगलवार, 17 मई 2011

डूब जाओगे

(छायाचित्र सहयोग: पूजा)
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ईतना पास आकर देखोगे
तो डूब जाओगे
फिर ना कहना, बताया नहीं था

पलकों तले देखोगे तो
सब पढ पाओगे
जो मन में था, जताया नहीं था

कहीं मन की गहराईयों में
तुम्हारा ही नाम
लिखा था और, मिटाया नहीं था

फिर लौट नहीँ पाओगे पगले
मेरे हो जाओगे
खुद आये थे तुम, बुलाया नहीं था

तुषार जोशी, नागपूर
१६ मई २०११, २३:००
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