.
.
साडी देखी वही स्टाल पर
हाथ तेरा महसूस हुआ
कितने दिनसे मिला ना तुझको
मन मेरा मायूस हुआ
छुट्टी लेकर जल्दी ही
मैं तुमको मिलने आजाऊँ
सोच रहा हूँ तेरे वासते
साडी ये ही खरिद लाऊँ
छोटी छोटी बातों से भी
याद आती हो तुम मैना
यहाँ मैं खुश हूँ याद में तेरी
तुम चिठ्ठी पढना खुश रहना
तुषार जोशी, नागपुर
ईस चिठ्ठे पर लिखी कविताएँ तुषार जोशी, नागपूर ने साथ मेँ लगी तस्वीर को देखकर पहले दस मिनट में लिखीँ है। मगर फिर भी लेखक के संदर्भ, पूर्वानुभव और कल्पनाएँ उनमे उतर ही आती है। छायाचित्र सहयोग के लिये सभी छायाचित्र प्रदानकर्ताओं का दिल से धन्यवाद।
रविवार, 13 मई 2007
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
आप ऐसा भी लिखते है,..बहुत अच्छा है,..मैना कोन है जर बताईये,..:)
जवाब देंहटाएंसुनीता(शानू)
अच्छी रचना है। वास्तविकता झलकती है।
जवाब देंहटाएंछोटी छोटी बातों से भी
याद आती हो तुम मैना
यहाँ मैं खुश हूँ याद में तेरी
तुम चिठ्ठी पढना खुश रहना